सम्पर्क क्यों और किससे रखा जाता है?
आवश्यकता के समय, मुश्किल के समय सहारा अथवा सहयोग के लिए; उदास स्थिति में मन को खुशी में लाने के लिए व दु:ख के समय दु:ख को बांट लेने के लिए साथी बनाया जाता है।
ऐसा सच्चा साथी अथवा ऐसा श्रेष्ठ सम्पर्क जो लक्ष्य रखकर बनाते हो क्या ऐसा साथी मिला?
ऐसा साथी जो निष्काम हो, निष्पक्ष हो, अविनाशी हो व समर्थ हो।
ऐसा सम्पर्क कभी मिला अथवा मिल सकता है क्या?
अविनाशी और सच्चा श्रेष्ठ साथ व संग कौन-सा गाया हुआ है?
पारसनाथ जो लोहे को सच्चा सोना बनावे ऐसा सत्संग अथवा सम्पर्क मिला है या कुछ अप्राप्ति है?
ऐसा मिला है अथवा मिलना है?
मिला है अथवा अभी परख रहे हो?
जब साथ मिल गया तो साथ लेने के बाद कभी-कभी साथी से किनारा क्यों कर लेते हो?
साथ निभाने में नटखट क्यों होते हो?
कभी-कभी रूसने का भी खेल करते हैं।
क्या मज़ा आता है, कि साथी स्वयं मनावे इसलिए यह खेल करते हो अथवा बच्चों में खेल के संस्कार होते ही हैं।
ऐसा समझ इस संस्कार-वश क्या ऐसे- ऐसे खेल करते हो?
यह खेल अच्छा लगता है?
बोलो, अच्छा लगता है, तब तो करते हैं?
लेकिन, इस खेल में गंवाते क्या हो, क्या यह भी जानते हो?
जब तक यह खेल है तो सच्चे साथी का मेल नहीं हो सकता।
तो खेल-खेल में मिलन को गंवा देते हो।
इतने समय की पुकार व शुभ इच्छा-बच्चे और बाप से मिलने की करते आये हो और यह भी जानते हो, कि यह मेल कितने दिन का है-कितने थोड़े समय का है-फिर भी इतने थोड़े समय के मेल को खेल में गंवाते हो।
तो क्या फिर समय मिलेगा?
तो अब यह खेल समाप्त करो। आप अब तो वानप्रस्थी हो।
वानप्रस्थी को इस प्रकार का खेल करना शोभता है क्या?
साक्षी हो देखो, क्या सच्चा साथी, श्रेष्ठ सम्पर्क व संग सदा प्राप्त है?..."