27.10.2021
यह पढ़ाई इस अन्तिम जन्म के लिए ही है, इसलिए अच्छी रीति पढ़ो और पढ़ाओ।
ऊंच प्रजा, नौकर चाकर आदि सब इस समय की पढ़ाई के आधार पर ही बनते हैं।
सारा पढ़ाई पर मदार है।
पढ़ाई भी सतोगुणी, रजोगुणी, तमोगुणी होती है।
पढ़ाई से ही टीचर, बैरिस्टर बनते हैं।
टीचर फिर दूसरे को भी पढ़ाते हैं।
पढ़ते तो सब हैं।
एक ही पढ़ाई है फिर कोई तो पढ़कर ऊंच चढ़ जाते हैं, कोई फिर वहाँ ही टीचर बन जाते हैं।
जो सीखे हैं वह पढ़ाते हैं।
अभी तुम भी पढ़ते हो।
कोई तो पढ़ते-पढ़ते टीचर बन जाते हैं।
यह पढ़ाई कोई सैकड़ों वर्ष नहीं चलने वाली है।
यह तो है ही इस अन्तिम जन्म के लिए पढ़ाई।
पढ़ना और पढ़ाना है।
पढ़ाई तो सहज है।
|