"...बाप के पास 108 ही निश्चित हैं।
क्यों?
बाप के पास भविष्य भी ऐसा ही क्लीयर है जैसे वर्तमान।
अनन्य बच्चों के पास भी भविष्य ऐसा ही स्पष्ट होता जा रहा है क्योंकि बाप के साथ सर्व कार्य में समीप और सहयोगी हैं।
तो अष्ट रतन चीफ जस्टिस (Chief Justice) हैं।
जस्टिस की जजमेण्ट (Judgement) हाँ या ना की फाइनल (Final) होती है।
बाप प्रेज़ीडेण्ट (President) है लेकिन बच्चे चीफ जस्टिस हैं।
जजमेण्ट बच्चों की है।
चीफ जस्टिस की जजमेण्ट सदा यथार्थ होती है।
जस्टिस के ऊपर चीफ जस्टिस हाँ या ना कर सकते हैं लेकिन चीफ जस्टिस के जजमेण्ट की बहुत वैल्यु (Value) होती है।
इसलिए जब तक भविष्य भी वर्तमान के समान स्पष्ट न हो तो जजमेण्ट यथार्थ कैसे दे सकेंगे?
वर्तमान और भविष्य की समानता इसी को ही बाप की समानता कहा जाता है।
ऐसी स्टेज (अवस्था) अनुभव में लाई है?"