20200817
"...तुम बच्चे सर्वोत्तम ऊंच कुल वाले हो।
ऊंच रूहानी सेवा करते हो।
यहाँ बैठे वा चलते फिरते तुम भारत की खास और विश्व की आम सेवा करते हो।
विश्व को तुम पवित्र बनाते हो।
तुम हो बाप के मददगार।
बाप की श्रीमत पर चल तुम मदद करते हो।..."
20200814
"...प्रजापिता ब्रह्मा के इतने बच्चे हैं, तो जरूर यहाँ एडाप्ट होते होंगे।
जो अपने कुल के होंगे वह अच्छी रीति समझेंगे।
तुम तो बाप के बच्चे हो गये।..."
20200812
"... अच्छा! मीठे-मीठे रूहानी ब्रह्मा मुख वंशावली ब्राह्मण कुल भूषण, यह देवताओं से भी ऊंच कुल है।
तुम भारत की बहुत ऊंच सेवा करते हो।..."
20200811
"... बाप तो समझाते रहते हैं - बच्चे, अच्छे गुण धारण करो, कुल का नाम बाला करो।
तुम जानते हो अभी हम ऊंच ते ऊंच ब्राह्मण कुल के हैं।..."
20200810
"...बच्चे समझते हैं बरोबर बाप आकर सृष्टि का चक्र भी समझाते हैं।
जो ब्राह्मण कुल के हैं, उन्हों को ही समझाते हैं।
बच्चे तुम अपने जन्मों को नहीं जानते हो, मैं तुमको समझाता हूँ।
पहले तुम सुनते थे 84 लाख जन्म लेने बाद फिर एक जन्म मनुष्य का मिलता है।..."
20200804
"...अभी तुम बच्चे जानते हो हम सब ब्राह्मण ब्रह्मा की औलाद हैं।
हमारा कुल सबसे ऊंच है।
वो लोग देवताओं को ऊंच रखते हैं क्योंकि सतयुग आदि में देवता हुए हैं।
प्रजापिता ब्रह्मा की औलाद ब्राह्मण होते हैं - यह कोई जानते नहीं सिवाए तुम बच्चों के। ..."
"... ब्राह्मण लोग कहते भी हैं हम ब्रह्मा की सन्तान हैं।
समझते हैं परम्परा से हमारा कुल चला आता है।
परन्तु ब्रह्मा कब था वह पता नहीं है।
अभी तुम ब्राह्मण हो।
ब्राह्मण वह जो ब्रह्मा की सन्तान हों।
वह तो बाप के आक्यूपेशन को जानते ही नहीं।
भारत में पहले ब्राह्मण ही होते हैं।
ब्राह्मणों का है ऊंच ते ऊंच कुल।
वह ब्राह्मण भी समझते हैं हमारा कुल जरूर ब्रह्मा से ही निकला होगा।
परन्तु कैसे, कब... वह वर्णन नहीं कर सकते।
तुम समझते हो - प्रजापिता ब्रह्मा ही ब्राह्मणों को रचते हैं।
जिन ब्राह्मणों को ही फिर देवता बनना है।
ब्राह्मणों को आकर बाप पढ़ाते हैं।
ब्राह्मणों की भी डिनायस्टी नहीं है।
ब्राह्मणों का कुल है, डिनायस्टी तब कहा जाए जब राजा-रानी बनें। ..."
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