07.01.1980
"संगमयुगी बादशाही बनाम सतयुगी बादशाही"
"...बापदादा आज संगम युगी बेगमपुर के बादशाहों की सभा देख रहे हैं। संगम युग है ही - बेगमपुर। संगमयुगी सर्व ब्राह्मण बेगमपुर के बादशाह हैं। सतयुगी बादशाही इस संगमयुग की बेगमपुर की बादशाही के आगे कुछ भी नहीं है। वर्तमान समय की प्राप्ति का नशा, खुशी, सतयुग की बादशाही से पद्मगुणा श्रेष्ठ हैं।
आज वतन में सतयुगी बादशाही और संगमयुगी बादशाही दोनों के अन्तर पर रूह-रूहान चल रही थी। सतयुग की बादशाही की बातें तो उस दिन बहुत सुनी, और खुश भी बहुत हुए। लेकिन संगमयुग की श्रेष्ठता कितनी श्रेष्ठ है, उसके भी अनुभवी हो ना?
1. सतयुग की दिनचर्या में प्रकृति में नेचुरल साज़ जगायेंगे लेकिन संगमयुगी ब्राह्मणों के आदिकाल - अमृतबेले से श्रेष्ठता देखो तो कितनी महान है। वहाँ प्रकृति का साधन है और संगमयुग पर आदिकाल अर्थात् अमृतवेले कौन जगाता है? स्वयं प्रकृति का मालिक भगवान तुम्हें जगाता हैं।
2. मधुर साज़ कौन सा सुनते हो? बाप रोज ``बच्चे - मीठे बच्चे'' कहकर बुलाते हैं। यह नेचुरल साज, ईश्वरीय साज़ सतयुगी प्रकृति के साज़ से कितना महान है। उसके अनुभवी हो ना? तो सतयुगी साज़ महान है या ये संगमयुग के साज़ महान हैं? साथ-साथ सतयुग के संस्कार और प्रालब्ध बनाने व भरने का समय है। संस्कार भरते हैं, प्रालब्ध बनती है। इसी संगमयुग पर ही सब होता है।
3. वहाँ सतोप्रधान अति स्वादिष्ट रस वाले, वृक्ष के फल खायेंगे। यहाँ वृक्षपति द्वारा सर्व सम्बन्धों के रस, सर्व प्राप्ति-सम्पन्न प्रत्यक्ष फल खाते हो।
4. वह गोल्डन एज का फल है। और यह डायमन्ड एज का फल है, तो श्रेष्ठ कौन-सा हुआ?
5. वहाँ दास-दासियों के हाथ में पलेंगे यहाँ बाप के हाथों में पल रहे हो।
6. वहाँ महान आत्माएँ माँ-बाप होंगे, यहाँ परमात्मा माता-पिता हैं।
7. वहाँ रतन जड़ित झ्लों में झूलेंगे यहाँ सबसे बड़े-से-बड़ा झूला कौन-सा है, वह जानते हो? बाप की गोदी झूला है। बच्चे के लिए सबसे प्यारा झूला माता-पिता की गोदी है सिर्फ एक झूला भी नहीं, भिन्न-भिन्न झूलों में झूल सकते हो। अतीन्द्रिय सुख का झूला, खुशियों का झूला, वहाँ रतन जड़ित झूला है और यह झूला कितना महान है।
8. वहाँ रतनों से खेलेंगे, खिलौनों से खेलेंगे, आपस में खेलेंगे लेकिन यहाँ बाप कहते हैं सदा मेरे से, जिस भी रूप में चाहो उस रूप में खेल सकते हो। सखा बन करके खेल सकते हो, बन्धु बनाकर भी खेल सकते हो। बच्चा बन करके भी खेल सकते हो, बच्चा बनाकर भी खेल सकते हो। ऐसा अविनाशी खिलौना तो कभी नहीं मिलेगा। जो न टूटेगा न फूटेगा और खर्चा भी नहीं करना पड़ेगा।
9. वहाँ आराम से गदेलों पर सोयेंगे, यहाँ याद के गदेलों पर सो जाओ।
10. वहाँ निन्द्रा-लोक में चले जाते हो लेकिन संगम पर बाप के साथ सूक्ष्मवतन में चले जाओ।
11. वहाँ के विमानों में सिर्फ एक लोक का सैर कर सकेंगे अब बुद्धि रूपी विमान द्वारा तीनों लोकों का सैर कर सकते हो।
12. वहाँ विश्वनाथ कहलायेंगे और अब त्रिलोकीनाथ हो।
13. वहाँ दो नेत्री होंगे, यहाँ तीन नेत्री हो।
14. संगमयुग के अन्तर में अर्थात् नॉलेजफुल, पावरफुल, ब्लिसफुल इसके अन्तर में वहाँ क्या बन जायेंगे? रॉयल बुद्धू बन जायेंगे।
15. दुनिया के हिसाब से परमपूज्य होंगे, विश्व द्वारा माननीय होंगे लेकिन नॉलेज के हिसाब से महान अन्तर पड़ जायेगा।
16. यहाँ तो गुडमार्निंग, गुडनाईट बाप से करते हो और वहाँ आत्माएँ आत्माओं से करेंगी।
17. वहाँ विश्व राज्य-अधिकारी होंगे, राज्यकर्त्ता होंगे और यहाँ विश्व कल्याणकारी, महादानी, वरदानी हो। तो श्रेष्ठ कौन हुए? सतयुगी बातें तो सुनकर सदा खुशी स्वरूप बन जाओ।
18. वहाँ वैराइटी प्रकार का भोजन खायेंगे और यहाँ ब्रह्मा भोजन खाते जिसकी महिमा देवताओं के भोजन से भी अति श्रेष्ठ है। तो सदा सतयुगी प्रालब्ध और वर्तमान समय के महत्व और प्राप्ति को साथ साथ रखो। तो वर्तमान समय को जानते हुए हर सेकेण्ड और संकल्प को श्रेष्ठ बना सकेंगे। समझा।..."
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