आज की मुरली ( 30.11.2024 ) के अनुसार करने योग्य और न करने योग्य बातें इस प्रकार हैं: क्या करना है: Point Number One: श्रीमत पर चलना (श्रीमत पर चलकर बाप का शो करना है) मुरली से संदर्भ: "मनमत को छोड़ श्रीमत पर चलो तब बाप का शो कर सकेंगे।" Point Number Two: सच्चाई पर चलना मुरली से संदर्भ: "जो बच्चे सच्चे हैं, उनकी रक्षा जरूर होती है।" Point Number Three: बाप को याद करना मुरली से संदर्भ: "बाप तो कहते हैं मुझे याद करो तो तुम्हारे पाप कट जाएं।" Point Number Four: सर्विस करना और ज्ञान की बातें दूसरों को समझाना मुरली से संदर्भ: "बाप तो नहीं जाकर सबको सुनायेंगे। बच्चे सर्विस करने लायक हैं तो बच्चों को ही जाना चाहिए।" Point Number Five: नम्र और मीठा बनकर रहना मुरली से संदर्भ: "ड्रामा को बुद्धि में रख बाप समान बहुत-बहुत मीठा मुलायम (नम्र) बनकर रहना है।" Point Number Six: ईश्वर की श्रेष्ठ मत पर चलना मुरली से संदर्भ: "अपनी मत छोड़ एक बाप की श्रेष्ठ मत पर चलना है।" Point Number Seven: अपने कर्मों का सच्चा चार्ट रखना मुरली से संदर्भ: "सच्चा-सच्चा अपना चार्ट लिखो।" Point Number Eight: बाप के लव में लवलीन रहना मुरली से संदर्भ: "एक बाप के लव में लवलीन हो मंजिल पर पहुंचने वाले सर्व आकर्षण मुक्त भव।" Point Number Nine: धैर्य से पढ़ाई पढ़ते रहना मुरली से संदर्भ: "बाप कहते हैं पढ़ाई जरूर पढ़ो।" क्या नहीं करना है: Point Number One: मनमत पर चलना मुरली से संदर्भ: "मनमत को छोड़ श्रीमत पर चलो।" Point Number Two: देह-अभिमान में आकर ट्रेटर नहीं बनना मुरली से संदर्भ: "देह-अभिमान में आकर कभी ट्रेटर नहीं बनना है।" Point Number Three: माया की खूबसूरती की तरफ आकर्षित नहीं होना मुरली से संदर्भ: "जो माया की खूबसूरती की तरफ आकर्षित हो जाते हैं, उन्हों के लिए माया चुम्बक है।" Point Number Four: झूठ कपट नहीं रखना मुरली से संदर्भ: "झूठ कपट छोड़ अपना सच्चा-सच्चा चार्ट रखना है।" Point Number Five: सच्चाई को छिपाना नहीं है मुरली से संदर्भ: "कई बच्चे सच नहीं बताते हैं। इज्ज़त का बहुत डर है - पता नहीं बाबा क्या कहेंगे।" Point Number Six: माया के प्रभाव में आकर गिरना नहीं है मुरली से संदर्भ: "बाप भी कहते हैं मेरे बनकर फिर माया का बन जाते हैं तो उनको भी ट्रेटर कहा जाता है।" Point Number Seven: शरीरधारी को याद नहीं करना मुरली से संदर्भ: "शिवबाबा के सिवाए कोई देहधारी को याद नहीं करना है।" Point Number Eight: अज्ञान में रहकर बाप को सर्वव्यापी नहीं समझना मुरली से संदर्भ: "अज्ञान के कारण बाप को भी सर्वव्यापी कह देते हैं।" Point Number Nine: अपनी सच्चाई न छिपाना मुरली से संदर्भ: "छिपाने से बीमारी छूटेगी नहीं। जितना छिपायेंगे उतना गिरते ही रहेंगे।" मुरली के अनुसार सभी बच्चों को यह बातें ध्यान में रखनी चाहिए ताकि उनका कल्याण हो और वे उच्च पद प्राप्त कर सकें।
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30-11-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - सन शोज़ फादर, मनमत को छोड़ श्रीमत पर चलो तब बाप का शो कर सकेंगे'' प्रश्नः- किन बच्चों की रक्षा बाप जरूर करते ही हैं? उत्तर:- जो बच्चे सच्चे हैं, उनकी रक्षा जरूर होती है। अगर रक्षा नहीं होती है तो अन्दर में जरूर कोई न कोई झूठ होगा। पढ़ाई मिस करना, संशय में आना माना अन्दर में कुछ न कुछ झूठ है। उन्हें माया अंगूरी मार देती है। प्रश्नः- किन बच्चों के लिए माया चुम्बक है? उत्तर:- जो माया की खूबसूरती की तरफ आकर्षित हो जाते हैं, उन्हों के लिए माया चुम्बक है। श्रीमत पर चलने वाले बच्चे आकर्षित नहीं होंगे। |
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धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) हमें पढ़ाने वाला स्वयं ज्ञान का सागर, बेहद का बाप है, इसमें कभी संशय नहीं लाना है, झूठ कपट छोड़ अपना सच्चा-सच्चा चार्ट रखना है। देह-अभिमान में आकर कभी ट्रेटर नहीं बनना है। 2) ड्रामा को बुद्धि में रख बाप समान बहुत-बहुत मीठा मुलायम (नम्र) बनकर रहना है। अपना अहंकार नहीं दिखाना है। अपनी मत छोड़ एक बाप की श्रेष्ठ मत पर चलना है। एक बाप के लव में लवलीन हो मंजिल पर पहुंचने वाले सर्व आकर्षण मुक्त भव बापदादा बच्चों को अपने स्नेह और सहयोग की गोदी में बिठाकर मंजिल पर ले जा रहे हैं। यह मार्ग मेहनत का नहीं है लेकिन जब हाई वे के बजाए गलियों में चले जाते हो या मंजिल के निशाने से और आगे बढ़ जाते हो तो लौटने की मेहनत करनी पड़ती है। मेहनत से बचने का साधन है एक की मोहब्बत में रहो। एक बाप के लव में लीन होकर हर कार्य करो तो और कुछ दिखाई नहीं देगा। सर्व आकर्षणों से मुक्त हो जायेंगे। अपनी खुशनसीबी का अनुभव चेहरे और चलन से कराओ। |