यह अमूल्य समय जो ज्ञान गंगा में नहाने का मिल रहा है,
वह कभी गंवा न देना।
फिर थोड़े समय में देखा कि कईयों ने तो स्नान किया, कईयों ने जल को भरकर रखा लेकिन कुछ समय के बाद नदी ने रास्ता पलट लिया और जिन्होंने नहीं नहाया, न भरकर रखा वह
औरों से एक-एक बूंद मांग रहे थे,
तड़फ रहे थे।
तो बाबा ने कहा यह समय अभी आने वाला है।
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