Point No.01

आज चारों ओर के बच्चों में विशेष स्नेह समाया हुआ है।

    • आज के दिन को कहते ही हैं स्मृति दिवस।
    • बापदादा ने अमृतवेले से चारों ओर देखा, चाहे देश में, चाहे विदेश में सभी बच्चों के दिल में बाप के स्नेह की तस्वीर दिखाई दी।
    • और बाप के दिल में भी हर एक बच्चे के स्नेह की तस्वीर समाई हुई थी।
    • आज के दिन को विशेष स्नेह का, स्मृति का दिवस कहते हो।
    • बापदादा ने अमृतवेले से भी पहले बच्चों के तरफ से अनेक स्नेह के मोतियों की मालायें देखी।
    • हर एक बच्चे के दिल में आटोमेटिक यह गीत बज रहा है - मेरा बाबा, ब्रह्मा बाबा, मीठा बाबा।
    • और बापदादा के दिल में यह गीत बज रहा है मीठे बच्चे, प्यारे बच्चे।
    • आज हर एक के अन्दर और शक्तियों के सिवाए स्नेह की शक्ति ज्यादा समाई हुई है।
    • यह परमात्म स्नेह, ईश्वरीय स्नेह सिर्फ संगमयुग पर ही अनुभव होता है।
    • यह परमात्म स्नेह जो अनुभवी जाने, हर एक बच्चे को सहजयोगी बना देता है।
    • बापदादा ने देखा सर्व बच्चों में स्नेह का अनुभव बहुत-बहुत समाया हुआ है।
    • आप सबका जन्म का आधार स्नेह है।
    • ऐसा कोई भी बच्चा नहीं दिखाई देता, और शक्तियां कम भी हों लेकिन बाप का स्नेह या निमित्त बनी हुई विशेष आत्माओं के स्नेह का अनुभव मैजारिटी सभी के दिल में, चेहरे में दिखाई देता है। अभी आप सबको आज विशेष यहाँ तक किसने पहुंचाया?
    • किस विमान में आये?
    • ट्रेन में आये या विमान में आये?
    • सबकी सूरत में स्नेह के प्लेन से पहुंच गये।
    • कुछ भी करना पड़ा लेकिन स्नेह के प्लेन में सभी पहुंच गये हो।
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