आज के दिन को स्मृति दिवस कहा जाता है लेकिन स्मृति दिवस के साथ-साथ समर्थी दिवस भी कहा जाता है।
- आज के दिन को ताजपोशी का दिन भी कहा जाता है क्योंकि आज के दिन बापदादा ने विशेष ब्रह्मा बाप ने निमित्त बने हुए महावीर बच्चों को विश्व सेवा का ताज पहनाया।
- बाप, ब्रह्मा बाप खुद अननोन हुए और बच्चों को विश्व सेवा के स्मृति का तिलक दिया।
- बच्चों को करनहार बनाया और स्वयं करावनहार बनें।
- अपने समान फरिश्ते रूप का वरदान देकर लाइट का ताज पहनाया और बापदादा ने जो ताज, तिलक का वरदान दिया, उसी प्रमाण बच्चों का कर्तव्य देख खुश है।
- बच्चों ने सेवा का वरदान कार्य में लाया, यह देख बापदादा खुश है।
- अभी तक जो पार्ट बजाया है और आगे भी बजाना है, उसकी पदमगुणा ब्रह्मा बाप विशेष मुबारक दे रहे हैं।
- वाह बच्चे वाह! विदेश में भी चक्कर लगाया तो क्या देखा?
- हर बच्चा स्नेह में समाया हुआ है।
- जो बाप द्वारा समार्थियाँ मिली हैं क्योंकि यह दिन विशेष स्नेह से समार्थियों का वरदान प्राप्त करने का दिन है।
- बापदादा ने देखा कोई-कोई बच्चे बहुत अच्छे लगन में याद में, सेवा में लगे हुए हैं।
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