ब्रह्मा बाप समान नष्टोमोहा स्मृति स्वरूप बनने के लिए, मन का टाइमटेबल बनाकर कर्म करते कर्मयोगी अशरीरी बनने का अभ्यास करो

  • आज चारों ओर के बच्चों में विशेष स्नेह समाया हुआ है। Just Click >>>
  • आज के दिन को स्मृति दिवस कहा जाता है लेकिन स्मृति दिवस के साथ-साथ समर्थी दिवस भी कहा जाता है। Just Click >>>
  • अमृतवेला बहुत अच्छी रीति से अनुभव करते हैं। Just Click >>>
  • अचानक कुछ भी हो सकता है, कोई प्रकृति का कारण बनता है तो कितने का मृत्यु साथ में हो जाता है। Just Click >>>
  • नष्टोमोहा स्मृति स्वरूप क्योंकि ब्रह्मा बाप ने भी स्वयं को पुरूषार्थ करके ऐसा बनाया जो अनुभवी बच्चों ने देखा, कोई भी तरफ यह वातावरण नहीं था, कोई हिसाब किताब का, अचानक अशरीरी बनने का अभ्यास अशरीरी बनाकर उड़ गये। Just Click >>>
  • हर एक बच्चे को बाप ने मास्टर सर्वशक्तिवान भव का वरदान दिया है।Just Click >>>
  • यह कभी शब्द अपने ब्राह्मण डिक्शनरी से निकाल दो। Just Click >>>
  • यह शक्तियां भी आपको बाप के प्रापर्टी में मिली हैं। Just Click >>>
  • इसलिए बाप यही चाहते कि चलते-फिरते राजापन नहीं भूलो, सीट को नहीं छोड़ो। Just Click >>>
  • हर काम के टाइम जो भी अपने स्वमान की लिस्ट है, भले भिन्न-भिन्न टाइमटेबल बनाओ जैसे स्थूल कर्म का टाइमटेबल फिक्स करते हो वैसे मन का टाइमटेबल फिक्स करो। Just Click >>>
  • तो अभी बहुतकाल का भी कोई बच्चे कहते हैं, अभी तक तो विनाश का कुछ दिखाई नहीं देता है। Just Click >>>
  • जो अपने को समझते हैं हम वारिस हैं, वह हाथ उठाओ, वारिस हैं?Just Click >>>
  • ऐसे पूरा वर्सा लेने वाले यही लक्ष्य बुद्धि में रखो कि अचानक,एवररेडी और बहुत समय, तीनों ही शब्द साथ में याद रखो।Just Click >>>
  • पाण्डव फुल वर्सा लेने वाले हो? Just Click >>>